Business Karne ki Tips in Hindi: बिज़नेस में बताये गए सक्सेस स्टोरी से हम लोग सब वाकिफ़ है। पर कोई भी नए बिज़नेस मैन को शुरुआत में गाइड नहीं करता। हमारे ब्लॉग ने यह ज़िम्मेदारी उठाई है कि आप लोगों को कुछ Business karne ki tips in Hindi में बताई जाये।  

जिससे की आपका वह समय बच सके जो आप इंटरनेट पर यह ढूढ़ने में लगाते है कि “बिज़नेस शुरू करने के लिए क्या-क्या ज़रूरी है?” पुरे भारत में स्टार्टअप शुरू हो रहे है। पर एक हैरान करने वाला डाटा निकल कर सामने आया है कि 90% से ज़्यादा स्टार्टअप अपने शुरू होने के पहले 3 सालों में ही फ़ैल हो जाते है।  

ऐसा होने का मुख्य कारण है इनोवेशन की कमी। इनोवेशन माने अपने बिज़नेस या स्टार्टअप में वह बदलाव जो समय के साथ ज़रूरी है। इसके लिए आपको अपने कॉम्पिटिटर के हर एक मूव को देखते रहना है। बस एक बात का ध्यान रखना कि कॉपी करना कोई गलत बात नहीं है। पर उसमे अपने क्रिएटिविटी को ज़रूर जोड़े।  

यह इनोवेशन केवल अपने स्टार्टअप आईडिया में, प्रोडक्ट या फिर आपके सर्विस में ही सीमित नहीं होनी चाहिए। बल्कि आपके मार्केटिंग स्ट्रेटेजी, पैकेजिंग और टीम बिल्डिंग में भी होना चाहिए। चलिए जानते है ऐसा क्या है इस आर्टिकल Business karne ki tips in Hindi में, जो आपको आपके बिज़नेस स्टार्टअप में मदद करेगी।

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Business karne ki tips in Hindi

Business Karne ki tips in Hindi (ये 5 टिप्स बिज़नेस शुरू करने से पहले ज़रूर जान लें, नहीं तो हो सकता है भारी नुक्सान)

1. बिज़नेस आईडिया खोजना और रिसर्च करना:

किसी भी बिज़नेस को शुरू करने से पहले आपके पास एक बिज़नेस आईडिया ज़रूर होना चाहिए। कोशिश करिये कि ये आईडिया यूनिक हो, पर इसकी आगे जाकर मार्किट में डिमांड भी बने। अपना खुद का स्टार्टअप करना, एक अच्छी बात हो सकती है। पर यदि आपके आईडिया की बाज़ार में ज़रूरत ही नहीं होगी, तो आप फ़ैल ज़रूर होंगे।  

आपको यह देखना है कि जो भी आप बिज़नेस शुरू करना चाहते है, उस इंडस्ट्री में क्या-क्या नए बदलाव हो रहे है। यदि आप इन सभी की जानकारी रखेंगे, तो आप अपना बिज़नेस करते समय अपने बिज़नेस आईडिया पर अच्छे से विचार कर पाएंगे कि यह आगे चल कर काम करेगा की नहीं। आपको अपनी रिसर्च में यह देखना है कि:

  • (क) आपका ग्राहक कौन हो सकता है?
  • (ख) अपने बिज़नेस में आपको मुनाफा कहाँ से आएगा?
  • (ग) आपका मुनाफा कितना हो सकता है?
  • (घ) आपके प्रतियोगी आपका आईडिया कॉपी कर सकते है या नहीं? आप इससे कैसे अपने बिज़नेस को बचाएंगे?

बिज़नेस शुरू करना एक तरह से एक बच्चा पालने जैसा ही होता है। शुरुआत में आपको हर एक छोटी से छोटी बात का ध्यान रखना होगा। क्युकी बात कभी भी बिगड़ सकती है।  

2. बिज़नेस नाम ढूढ़ना और बिज़नेस रजिस्टर करना:

अपने बिज़नेस का नामकरण करने से पहले यह देख ले कि भविष्य में वह नाम आपका ब्रांड बन सकता है, आपकी पहचान बन सकता है। तो आपको भी वह नाम चुनना चाहिए जिसे आसानी से बोला जा सके। जैसे की Microsoft, Zomato, PayTm, PhonePe, OYO, Boat, Groww, OLA और Ditto ।  

इसके साथ ही आपको यह भी देखना होगा कि आपके बिज़नेस (या कंपनी ) का नाम किसी अन्य कंपनी ने पहले से ही तो नहीं रजिस्टर कर लिया। टेक्निकल भाषा में कहें तो ट्रेडमार्क पहले से तो किसी और कंपनी के नाम से रजिस्टर तो नहीं।  

एक अच्छा नाम चुन लेने के बाद आपको अपने बिज़नेस को रजिस्टर करवाना है। भारत में यह कई तरीके से हो सकता है। जैसे की

  • Sole Proprietorship
  • OPC (One Person Company)
  • Private Limited Company
  • Public Limited Company
  • LLP (Limited Liability Partnership)
  • Partnership Firm Registration

अधिक जानकारी के लिए आपको Indiafilings का यह आर्टिकल Types of Registration  पढ़ना चाहिए।  

Note: आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अपने बिज़नेस को रजिस्टर करवाना एक उलझन वाला प्रोसेस है, अन्यथा आपको एक अच्छे चार्टेड अकाउंटेंट की मदद लेनी चाहिए।  

3. स्टार्टअप प्रोग्राम से फायदा ज़रूर ले:

भारत सरकार भी देश में स्टार्टअप कल्चर को बढ़ाना चाहती है, इसलिये नए-नए स्टार्टअप इनिशिएटिव और स्कीम लाये जा रहे है। हम आपको इनमें से कुछ के बारे में बताना चाहते है। इन स्टार्टअप प्रोग्राम से जुड़ने के लिए आपको सबसे पहले यह जानना होगा की आपका स्टार्टअप (या बिज़नेस) कोनसी डेवलपमेंट स्टेज में है।  

List of startup programs and schemes by the Indian Government:

  • Startup India Initiative ( इसमें आपको फ़ास्ट पेटेंट अप्रूवल, टैक्स बेनिफिट् और नेटवर्किंग में मदद मिलती है )
  • MAARG (Mentorship, Advisory, Assistance, Resilience, and Growth) ( यह प्रोग्राम आपको बहुत से mentors से जोड़ता है, जिससे कि आपको मार्गदर्शन मिल सकें )
  • SISFS (Startup India Seed Fund Scheme) ( यदि आपको अपने स्टार्टअप प्रोडक्ट को मार्किट में एंट्री चाहिए, तो यह प्रोग्राम आपको प्रोटोटाइप, ट्रायल और फंड देने में मदद करेगा )
  • National Startup Awards ( जो स्टार्टअप बिज़नेस सामाजिक और आर्थिक स्तर पर अच्छा कर रहे होते है, उनकी पहचान करके सरकार द्वारा आगे बढ़ाया जाता है )
  • Startup India Investor Connect ( यह प्लेटफार्म निवेशकों को स्टार्टअप से जोड़ती है, जो आपके स्टार्टअप में पैसे निवेश करती है, एक तरह की VC फंडिंग )

पूरी जानकारी के लिए आपको स्टार्टअप इंडिया की वेबसाइट को ज़रूर फॉलो करना चाहिए। हमें उम्मीद है आपको कुछ नया ही जानने को मिलेगा।  

4. बिज़नेस का निश्चित स्थान होना अनिवार्य है:

यदि आपके बिज़नेस का कोई एक निश्चित स्थान नहीं है, तो आपको भविष्य में दिक्कत आ सकती है। यह एक मात्र ऐसा फैसला है की आपके बिज़नेस को सफल बनाने में अहम् भूमिका निभा सकता है।  

यदि आपका बिज़नेस एक ऐसी जगह है जहाँ आबादी कम है तो कौन सा ग्राहक आपके बिज़नेस के जगह पर आएगा। वही यदि आपका बिज़नेस और ऑफिस एक ऐसे मार्किट में है जहाँ हज़ारों लोग दिन-रात आते है, तो आपकी अच्छी नेटवर्किंग हो जाएगी।  

आपने अपनी सारी पूँजी अपने बिज़नेस में निवेश करने के लिए रखी है, तो आप रेंट एग्रीमेंट कर सकते है। इससे आपको कोई प्रॉपर्टी के लिए अपफ्रंट निवेश नहीं करना होगा। आम तौर पर लोग 11 महीनों का ही रेंट एग्रीमेंट करवाते है, जिससे की सरकार को कोई टैक्स न देना पड़े। हमारा ऐसा मानना है कि आप लोगों को ऐसा नहीं करना चाहिए।

5. अपने बिज़नेस और बाज़ार का विश्लेषण:

अपने बिज़नेस या स्टार्टअप को शुरू करने से पहले आपको यह देखना चाहिए की आपके बिज़नेस आईडिया में कितना दम है। चलिए आपको एक तरीका बताया जाये जिससे आप अपने आईडिया को टेस्ट भी कर ले और आपको ज़्यादा समय भी न गवाना पड़े।  

अमेरिका की बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनिया iteration मॉडल को फॉलो करती है। जिसमें वह अपने बिज़नेस आईडिया से एक छोटा प्रोडक्ट बना कर मार्किट में उतार देती है, यह जानने के लिए की लोगों को, वह पसंद आएगा की नहीं। यदि कस्टमर से अच्छा फीडबैक मिलता है, तो iteration मॉडल को फॉलो करते हुए तो इसका second version लांच करती है, ऐसे ही third और हर एक अपडेट के बाद उनका प्रोडक्ट या सर्विस पिछले वाले version से बेहतर हो जाता है।

आपको भी कुछ ऐसा ही अपने बिज़नेस (या स्टार्टअप ) में करना है। जिससे की आप अपने बिज़नेस को सफल बना सकें। अपने प्रोडक्ट या सर्विस का next version लाने के बाद आप यह जान पाएंगे कि यह बाज़ार के मानकों के अनुसार खरा उतरता है या नहीं।  

निष्कर्ष:

कोई भी बिज़नेस शुरू करना आसान काम नहीं है। इसे करने के लिए आपमें धैर्य होना चाहिए। क्युकी बिज़नेस में हर चीज आपके मन मुताबिक नहीं होगी। यदि आप अपने बिज़नेस के शुरुआती कठिन समय में अपना धैर्य बनाए रखेंगे, तो आप को अच्छा परिणाम मिलना तय है। 

ऊपर बताये गए आर्टिकल Business karne ki tips in Hindi में गहरी जानकरी दी गयी है। जो आपको सही तरीके से बिज़नेस करने में मदद कर सकती है।

एक बात का ध्यान रखें कि ऊपर दी गयी जानकारी को जितना ज़्यादा आप डिटेल भी पढ़ें और रिसर्च करेंगे, आपको अपने बिज़नेस compliance में मदद ही मिलेगी।  

आप इसी तरह और बेहतरीन आर्टिकल हमारे ब्लॉग पर पढ़ सकते है – Archives को चेक करना न भूलें। कोई सुझाव हो, तो Instagram पर शेयर करें ।

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FAQs: Business karne ki tips in Hindi

  1. बिज़नेस शुरू करने के पहले क्या-क्या करें?

    बिज़नेस शुरू अपने से पहले आपके पास एक अच्छा बिज़नेस प्लान होना चाहिए। हालांकि ट्रेंड में चल रहे बिज़नेस को करना, कोई सफ़लता की गॉरन्टी नहीं होता है। फिर भी आपको वही बिज़नेस शुरू करना चाहिए जिसकी मार्किट में अच्छी डिमांड हो।

  2. क्या भारत सरकार द्वारा बिज़नेस या स्टार्टअप शुरू करने में मदद मिल सकती है?

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    जी हाँ, भारत सरकार द्वारा ऐसे कई स्टार्टअप प्रोग्राम और स्कीम चलाए जा रहे है। इनमें से कुछ मुख्य स्टार्टअप प्रोग्राम है – स्टार्टअप इंडिया इनिशिएटिव, MAARG, SISFS, और Startup India Investor Connect । आप अपने स्टार्टअप की डेवलपमेंट स्टेज के अनुसार स्टार्टअप प्रोग्राम से जुड़ना चाहिए।

  3. बिज़नेस नेम रजिस्ट्रेशन कैसे करें?

    बिज़नेस नेम रजिस्ट्रेशन के लिए आपको किसी चार्टेड अकाउंटेंट को सम्पर्क करना चाहिए। क्योंकि यह प्रोसेस काफी उलझन वाला है। कोई छोटी से छोटी गलती भी आपको भविष्य में सम्मति (बिज़नेस कंप्लायंस) में बाधा दाल सकती है।

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